शुक्रवार, 26 मई 2023

वक्तव्य

 

सेवा निवृति पर संक्षिप्त वक्तव्य

प्रिय मित्र

कल की ही ये बात लगती है जब  तुमने ___वर्ष पहले  इस ऑर्गेनाइजेशन/विद्यालय  में प्रवेश किया था आपकी  मुस्कुराहट  और  काम के प्रति लगन ने आपको  सबका चहेता बना दिया था|   बच्चे हों या बड़े तुम्हारी प्रतिभा से सभी प्रभावित थे | छात्रों  के साथ हर विषय पर चर्चा ने आपको  उनका प्रिय बना दिया | अपने पाठ्यक्रम और अन्य विषय पर चर्चा के बीच सही संतुलन कर दिखाया, शायद इसीलिए छात्रों के प्रिय बन गये | बाल दिवस हो या शिक्षक दिवस आपकी भागीदारी ने हर कार्यक्रम को विशेष बना दिया था| आमतौर पर यह कहा जाता है कि पुरुष अध्यापक अच्छे कक्षाध्यापक (CLASS TEACHER) नहीं बन पाते लेकिन आपने इस धारणा को समाप्त कर दिया | आपकी कमी हमेशा बनी रहेगी |

 

 

 

(Thanking Speech by Retiree )सेवा मुक्त हुए व्यक्ति द्वारा धन्यवाद भाषण

प्रिय मित्रों,

आपकी प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार, पर इतना कह  सकता हूँ कि मैंने अपने काम को पूरी निष्ठा से किया | __ साल पहले जब मैं यहाँ ____ अध्यापक के रूप में आया था |  तब एक नई शुरुआत आरंभ की थी | शायद मेरा मित्रवत व्यवहार सभी को प्रिय लगा और छात्रों के साथ एक अनूठा संबंध बन गया | स्टाफरूम में एकमात्र  पुरुष सहकर्मी होने पर भी कभी मुझे अजनबीपन का एहसास नहीं हुआ, कभी भी मुझे ODD ONE OUT  नहीं लगा | आज मैं अपने सभी सहकर्मियों को धन्यवाद करना चाहता हूँ , क्योंकि उनके सहयोग से ही मैं अपने काम को सुचारू रूप से कर पाया |(किसी व्यक्तिगत अनुभव/घटना उल्लेख किया जा सकता है)

 

 

 

 

छात्रों के लिए संदेश-2

 

यह  कहा जाता है कि शिक्षा किसी से भी प्राप्त हो तो ले लेनी चाहिए, चाहे वे एक नन्हा सा पक्षी ही क्यों हो |

एक बार टिटहरी जिसे सैंडपाइपर भी कहा जाता है , उस पक्षी के दो अंडे समुद्र में बह गए। वह नन्ही सी चिड़िया दुखी और परेशान हो गई, पंख फड़फड़ाने  लगी किंतु दूसरे ही क्षण उसने मन में दृढ़  निश्चय किया कि वह अपने अंडों को वापस प्राप्त करेगी | विशाल समुद्र को सुखा देगी। अपनी छोटी सी चोंच में उसने बालू और मिट्टी भरी और समुद्र में गिरा दी | वह किनारे की ओर जाती , चोंच में  बालू भरेती और समुद्र में गिरा देती | बार बार के इस प्रयास को ऋषि अगस्त देख रहे थे और मन ही मन उस पक्षी के हौसले की प्रशंसा कर रहे थे। ऋषि अगस्त्य में उसकी सहायता के लिए सोचा | कहा जाता है कि उन्होंने समुद्र का पानी सुखा दिया जिससे टिटहरी पक्षी को अपने अण्डे मिल गए |

प्रिय छात्रों  जब हम आत्मविश्वास और हौसले को बनाए रखते हुए गुरुजनों से प्रेरित होते हुए प्रयास करते हैं तो सफलता का मार्ग प्रशस्त हो जाता है |

 परिस्थिति कैसी  भी हों, परीक्षा कितनी कठिन क्यों हो, अपने आत्मविश्वास को हमेशा बनाए रखना क्योंकि जब मन में भय, दुविधा या  तनाव उत्पन्न होता है तो आगे बढ़ने की मार्ग  अवरुद्ध हो जाता है |

 

 अपने हौसलों को यह मत बताओ कि तुम्हारी परेशानी और चिन्ता कितनी बड़ी है

अपनी परेशानी को  ये बताओ कि  तुम्हारा हौसला कितना बड़ा है”

 

मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ कि आप सभी छात्रों को तीन ‘स’  का आशीर्वाद दे- सद्बुद्धि ,स्वास्थ्य और सफलता ताकि आप समय का सदुपयोग करते हुए परीक्षा की तैयारी करें |  परीक्षा के समय विवेकपूर्ण रहे और अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहते हुए सफलता की ओर बढे़ |

 

रविवार, 21 मई 2023

संदेश

 

                       छात्रों के लिए संदेश ---

 

एक पहलवान जैसा, हट्टा-कट्टा, लंबा-चौड़ा व्यक्ति सामान लेकर किसी स्टेशन पर उतरा। उसने एक टैक्सी वाले से कहा कि मुझे साईँ बाबा के मंदिर जाना है।

टैक्सी वाले नेँ कहा- 200 रुपये लगेँगे। उस पहलवान आदमी नेँ बुद्धिमानी दिखाते हुए कहा- इतने पास के दो सौ रुपये, आप टैक्सी वाले तो लूट रहे हो। मैँ अपना सामान खुद ही उठा कर चला जाऊँगा।

वह व्यक्ति काफी दूर तक सामान लेकर चलता रहा। कुछ देर बाद पुन: उसे वही टैक्सी वाला दिखा, अब उस आदमी ने फिर टैक्सी वाले से पूछा – भैया अब तो मैने आधे से ज्यादा दूरी तय  कर ली है तो अब आप कितना रुपये लेँगे?

टैक्सी वाले नेँ जवाब दिया- 400 रुपये।

हैरान होकर उस आदमी नेँ कहा- पहले दो सौ रुपये, अब चार सौ रुपये, जबकि आधी दूरी तो मैंने तय करली है, ऐसा क्योँ ?

टैक्सी वाले नेँ जवाब दिया- महोदय, इतनी देर से आप साईँ मंदिर की विपरीत दिशा मेँ दौड़ लगा रहे हैँ जबकि साईँ मँदिर तो दोसरी तरफ है।

उस पहलवान व्यक्ति नेँ कुछ भी नहीँ कहा और चुपचाप टैक्सी मेँ बैठ गया।

प्रिय छात्रों, इसी तरह जिँदगी में कई मुकाम आते हैं, किन्तु हम किसी चीज को बिना गंभीरता से सोचे सीधे काम शुरु कर देते हैँ, और फिर अपनी मेहनत और समय को बर्बाद कर उस काम को आधा ही करके छोड़ देते हैँ। किसी भी काम को हाथ मेँ लेनेँ से पहले पूरी तरह सोच विचार लेवेँ कि क्या जो आप कर रहे हैँ वो आपके लक्ष्य का हिस्सा है कि नहीँ।

हमेशा एक बात याद रखेँ कि दिशा सही होनेँ पर ही मेहनत पूरा रंग लाती है और यदि दिशा ही गलत हो तो आप कितनी भी मेहनत करें उसका कोई लाभ नहीं मिल पायेगा। इसीलिए दिशा तय करेँ और आगे बढ़ेँ कामयाबी आपके हाथ जरुर थामेगी।

वक्तव्य

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