यह
कहा जाता है कि शिक्षा किसी से भी प्राप्त हो तो ले लेनी चाहिए, चाहे वे एक नन्हा सा पक्षी ही क्यों न हो
|
एक बार टिटहरी जिसे सैंडपाइपर भी कहा जाता है , उस पक्षी के दो अंडे समुद्र में बह गए। वह
नन्ही सी चिड़िया दुखी और परेशान हो गई,
पंख फड़फड़ाने लगी किंतु दूसरे ही क्षण उसने मन में दृढ़
निश्चय किया कि वह अपने अंडों को वापस प्राप्त करेगी | विशाल समुद्र को सुखा देगी। अपनी छोटी सी चोंच में उसने बालू और मिट्टी भरी और समुद्र में गिरा दी | वह किनारे की ओर जाती , चोंच में बालू
भरेती और समुद्र में गिरा देती | बार बार के इस प्रयास को ऋषि अगस्त देख रहे थे और मन ही मन उस पक्षी के हौसले की प्रशंसा कर रहे थे। ऋषि अगस्त्य में उसकी सहायता के लिए सोचा
| कहा जाता है कि उन्होंने समुद्र का पानी सुखा दिया जिससे टिटहरी पक्षी को अपने अण्डे मिल गए
|
प्रिय छात्रों जब हम आत्मविश्वास और हौसले को बनाए रखते हुए
गुरुजनों से प्रेरित होते हुए प्रयास करते हैं तो सफलता का मार्ग प्रशस्त हो जाता है
|
परिस्थिति कैसी
भी हों, परीक्षा कितनी कठिन क्यों न हो, अपने आत्मविश्वास को हमेशा बनाए रखना क्योंकि जब मन में भय, दुविधा या
तनाव उत्पन्न होता है तो आगे बढ़ने की मार्ग
अवरुद्ध हो जाता
है |
“अपने हौसलों को यह
मत बताओ कि तुम्हारी परेशानी और चिन्ता कितनी बड़ी है
अपनी परेशानी को
ये बताओ कि
तुम्हारा हौसला कितना बड़ा है”
मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ कि आप सभी छात्रों को तीन
‘स’ का आशीर्वाद दे- सद्बुद्धि ,स्वास्थ्य और सफलता ताकि आप समय का सदुपयोग करते हुए परीक्षा की तैयारी करें
| परीक्षा के समय विवेकपूर्ण रहे और अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहते हुए सफलता की ओर बढे़ |
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